अयोध्या राम मंदिर की विशेषताएं

अयोध्या राम मंदिर की विशेषताएं

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राम मंदिर की विशेषता, इसके हिन्दुओं के लिए महत्वपूर्ण होने में है। यह भगवान राम के प्रति श्रद्धांजलि है। मंदिर का निर्माण होना भारत और दुनिया भर के करोड़ों हिन्दुओं के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।

राम मंदिर का निर्माण अयोध्या के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है और यह कई वर्षों से चर्चा और वाद का विषय रहा है। अयोध्या में राम मंदिर, जिसे राम जन्मभूमि मंदिर भी कहा जाता है, का निर्माण नवम्बर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुआ था।

ram mandir design

मंदिर का डिज़ाइन पारंपरिक भारतीय वास्तुकला को प्रतिबिंबित और देश की समृद्धि और कला सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है।

अयोध्या राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा, अहमदाबाद स्थित मंदिर वास्तुकारों के एक प्रतिष्ठित वंश से हैं।

राम जन्मभूमि मंदिर की प्रमुख विशेषताएं

  • मंदिर के मुख्य गर्भगृह में श्री राम लला (भगवान श्री राम का शिशु रूप) की मूर्ति है।
  • प्रथम तल पर श्री राम दरबार है।
  • मंदिर में कुल पांच मंडप हैं: नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप।
  • उत्तरी दिशा में देवी अन्नपूर्णा का मंदिर है और दक्षिणी दिशा में हनुमान जी का मंदिर है।
  • खंभों व दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी गयी हैं।
  • मंदिर के चारों कोनों पर चार मंदिरों का निर्माण किया गया है जो सूर्यदेव, माँ भगवती, भगवान गणेश और भगवान शिव को समर्पित हैं।
  • मंदिर परिसर के भीतर महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, राजा निशाद, माता शबरी और देवी अहिल्या का मंदिर भी है।
  • यह मंदिर तीन मंज़िला है, मंदिर की प्रत्येक मंज़िल 20 फीट ऊंची है।

राम मंदिर के निर्मित क्षेत्र की जानकारी:

कुल क्षेत्रफल2.7 एकड़
कुल निर्मित क्षेत्र57,400 वर्ग फुट
मंदिर की कुल लंबाई360 फीट
मंदिर की कुल चौड़ाई235 फीट
मंदिर की कुल ऊंचाई (पीक सहित)161 फीट
कुल मंजिलें3
प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई20 फीट
भूतल में स्तंभों की संख्या160
पहली मंजिल में स्तंभों की संख्या132
दूसरी मंजिल में स्तंभों की संख्या72
मंडपों की संख्या5
मंदिर में फाटकों की संख्या12

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